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आरईसी लिमिटेड के सहयोग से भारतीय बैडमिंटन संघ द्वारा आयोजित 11 दिवसीय कोच विकास कार्यक्रम का समापन हुआ

गुरुग्राम,- भारतीय बैडमिंटन संघ (बीएआई) द्वारा आरईसी लिमिटेड और भारतीय खेल प्राधिकरण (एसएआई) के सहयोग से राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र (एनसीई), गुवाहाटी और रायपुर में एक साथ आयोजित 11 दिवसीय आवासीय कोच विकास कार्यक्रम आज संपन्न हुआ, जिसमें भारत के 22 राज्यों से आए कुल 53 प्रतिभागियों को जमीनी स्तर की कोचिंग पद्धतियों का प्रशिक्षण दिया गया।

इस कार्यक्रम के समापन के बाद, ये कोच देश भर में कई बैडमिंटन अकादमियों में विभिन्न आयु समूहों के जमीनी स्तर के खिलाड़ियों को प्रशिक्षित करेंगे और देश के लिए नई प्रतिभाओं की पहचान करने और उन्हें निखारने में मदद करेंगे। इस रणनीतिक पहल का उद्देश्य कोचिंग तकनीक में एकरूपता लाना और संभावित बैडमिंटन सितारों की एक मजबूत कड़ी तैयार करना है।

इस अवसर पर, आरईसी लिमिटेड की कार्यकारी निदेशक (सीएसआर) सुश्री तरुणा गुप्ता ने कहा, “हमें इस महत्वपूर्ण पहल का हिस्सा बनने पर बहुत गर्व है। कोच विकास कार्यक्रम के संचालन में भारतीय बैडमिंटन संघ और भारतीय खेल प्राधिकरण के साथ हमारा सहयोग भारत में खेलों के विकास के प्रति हमारी प्रतिबद्धता का प्रमाण है।” हमारा मानना है कि कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) के तहत हमारा योगदान न केवल हमारे प्रशिक्षकों के कौशल को बढ़ाएगा बल्कि हमारे देश में बैडमिंटन के समग्र विकास में भी योगदान देगा। आरईसी न केवल एथलीटों की खेल प्रतिभा को निखारता है, बल्कि जमीनी स्तर पर प्रशिक्षकों के विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। हम भारत से विश्व स्तरीय बैडमिंटन प्रतिभाओं को निखारने में इस कार्यक्रम के सकारात्मक प्रभाव को देखने के लिए उत्सुक हैं।”

बाई के महासचिव संजय मिश्रा ने कहा, “प्रारंभिक स्तर पर प्रतिभा की पहचान करने और उसे निखारने में जमीनी स्तर के कोच अहम भूमिका निभाते हैं। यह कार्यक्रम उन्हें संभावित सितारों की पहचान करने और उनके विकास की नींव प्रदान करता है। हम बाई के साथ इस सहयोग और इस पहल में हमारा समर्थन करने के लिए आरईसी और साई को धन्यवाद देते हैं।”

प्रतिभागियों ने अपने फीडबैक में कार्यक्रम के व्यापक दृष्टिकोण के लिए बाई-आरईसी-साई के साझेदारी के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि कैसे इस कार्यक्रम ने कोचिंग की बारीकियों के बारे में उनकी समझ को गहरा किया और इसकी व्यावहारिक अंतर्दृष्टि की प्रशंसा की।

आरईसी लिमिटेड ने अपनी सीएसआर पहल के तहत भारत में खेलों के विकास के लिए ₹100 करोड़ की राशि देने का वादा किया है। यह धनराशि खिलाड़ियों को तकनीकी, वैज्ञानिक और मनोवैज्ञानिक सहायता के साथ अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कोचों के अधीन प्रशिक्षण और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग लेने का अवसर प्रदान करके अपने संबंधित क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त करने में सहायता करेगी।

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